(१)
‘सब बट चुके थे अपने अपने मज़हब के रंग में,’
‘मैंने देखा हर मज़हब के कफ़न का कपड़ा सफ़ेद रंग मे’
(२)
ज़िंदगी हर किसी को आखरी मौका ही देती हैं,
लेकिन एक पल में पूरी जिंदगी छीन लेती हैं.!!
(३)
ज़िन्दगीभर अपना साथ न छोड़ो,
गैरों के सामने अपना हाथ न जोड़ो,
हमारी वफ़ादारी में दिल न तोड़ो,
रास्ते मुश्किल ही सही तुम मुँह ना मोड़ो.!!
(४)
कहा से लाऊँ वो साहस
जब मैं टुटकर बिखर गया,
किसे दिखाऊँ अपनी चाहत
जो हमसे रूठकर चला गया.!!
(५)
जिसकी ज़िन्दगी पर्याप्त नहीं होती,
उसकी सोच कभी समाप्त नहीं होती.!!