जयपुर में राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार संसद के विशेष सत्र में देश का नाम बदलना चाहती थी। उन्होंने शनिवार को जयपुर में कहा है कि संसद के विशेष सत्र में पहले महिला आरक्षण की बात नहीं थी।
पहले हिंदुस्तान के नाम को बदलने की बात थी लेकिन उन्हें पता लग गया कि जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी। इससे वे घबरा गए क्योंकि विशेष सत्र की घोषणा पहले ही हो चुकी थी। इसलिए वे महिला आरक्षण बिल लेकर आए। महिला आरक्षण का हमने पूरा समर्थन किया है।
राहुल गांधी ने ये बातें जयपुर में हुए कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन में कही हैं। इस सम्मेलन के साथ ही कांग्रेस ने राजस्थान में चुनावी अभियान की शुरुआत कर दी है। इसमें कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर केंद्र में उसकी सरकार बनती है तो महिला आरक्षण को तत्काल लागू किया जाएगा। इस मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि राजीव गांधी पंचायती राज में महिला आरक्षण लाए थे जिसका लाभ आज महिलाओं को मिल रहा है।
ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण क्यों नहीं?
राहुल गांधी ने कहा, भाजपा अब कह रही है कि महिला आरक्षण लागू करने से पहले नई जनगणना और परिसीमन की जरूरत है। लेकिन यह सच नहीं है। विधानसभा और लोकसभा की 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं को आज दी जा सकती हैं लेकिन भाजपा महिला आरक्षण को 10 साल बाद लागू करना चाहती है।
राहुल गांधी ने कहा कि हम चाहते हैं कि इसे आज लागू किया जाए और ओबीसी महिलाओं को इसका लाभ मिले। हमारे 2-3 सवाल हैं। हमारा सवाल है कि ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण क्यों नहीं? महिला आरक्षण लागू करने से पहले जनगणना और परिसीमन की जरूरत क्यों है?
राहुल गांधी ने पूछा कि पीएम नरेंद्र मोदी जातिगत जनगणना से क्यों डर रहे हैं? वे अडाणी से भी डरते हैं। उन्होंने कहा कि आगामी चुनावों में जब भाजपा वाले आपसे वोट मांगने आएं तो उनसे यह जरूर पूछना कि जातिगत जनगणना क्यों नहीं करवा रहे हो?