मोती चन्द्रमा का रत्न है। यह अलग अलग रंगों में पाया जाता है और इनकी अपनी विशेषता होती है।
मोती आठ प्रकार के होते हैं- अभ्र मोती, शंख मोती, शुक्ति मोती, सर्प मोती, गज मोती, बांस मोती, शूकर मोती और मीन मोती। इन मोतियों की उत्पत्ति अलग-अलग प्रकार से होती है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार
यह मानसिक शांति प्रदान करने के साथ ही एकाग्रता बढ़ाने में भी कारगर होता है।
जिन लोगों को क्रोध जल्दी आता है उन्हें मोती धारण करने से लाभ मिलता है।
मोती किसे धारण करना चाहिए
जिस व्यक्ति का जन्म कर्क लग्न अथवा राशि में हुआ है उन्हें मोती धारण करने से चन्द्रमा का शुभ फल शीघ्रता से प्राप्त होता है। जिनकी कुण्डली में चन्द्रमा भाग्य अथवा धन भाव का स्वामी है उन्हें भी मोती धारण चाहिए।
पंच महारत्नों में मोती भी एक रत्न है इसे पवित्रता पूर्वक धारण करने पर व्यक्ति की बुद्धि स्थिर होती है। व्यक्ति अपनी मेहनत और लगन से धन एवं मान-सम्मान अर्जित करता है।
सूक्ष्म चिह्न को पहचानें
जिस मोती का रंग चमकीला सफेद हो और उसमें लाल रंग के ध्वज का सूक्ष्म चिन्ह होता है उसे धारण करने से सरकारी मामलों में व्यक्ति को सफलता मिलती है। सरकारी पक्ष से इन्हें धन का लाभ होता है। गोल आकार का मोती जिसके बीच में हरे रंग का कमल फूल दिखता है। ऐसा मोती धारण करने वाले को सरकारी क्षेत्र से मान-सम्मान एवं धन का लाभ होता रहता है।
संतान सुख देने वाला मोती
ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक संतान सुख की चाहत रखने वाले व्यक्ति को ऐसा मोती धारण करना चाहिए जिसके मध्य भाग में आसमानी रंग का अर्द्ध चंद्राकार चिन्ह नजर आता हो। मोती के संदर्भ में ऐसी मान्यता भी है कि जो व्यक्ति शुद्ध मोती धारण करते हैं उन पर देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है अर्थात व्यक्ति धनवान होता है। मोती का आकार गोल हो तो अति उत्तम होता है। अगर गोल मोती नहीं मिले तो लम्बा मोती धारण किया जा सकता है।
असली मोती की पहचान
मोती की पहचान का सबसे आसान तरीका है कि मोती को चावल के दानों पर रगड़ें। मोती को चावल के दानों पर रगड़ने से सच्चे मोती की चमक बढ़ जाती है जबकि कृत्रिम तरीके से तैयार मोती की चमक कम हो जाती है।
मोती धारण करने का समय
शुक्ल पक्ष में रोहिणी, हस्त अथवा श्रवण नक्षत्र में सोमवार प्रातः अथवा संध्या के समय कनिष्ठा में मोती धारण करना शुभ रहता है। पुरूषों को 7.25 रत्ती एवं महिलाओं को 4.25 रत्ती का मोती धारण करना चाहिए। मोती के साथ गोमेद धारण नहीं चाहिए। मोती और चांदी दोनों ही चंन्द्रमा से संबंध रखते हैं। इसलिए मोती को चांदी में ही धारण करना शुभ रहता है।
ज्योतिष आचार्य रजनीश मिश्रा