उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र शुक्ल योग में 18 सितंबर से पुरुषोत्तम मास प्रारंभ हो रहा है। इसे अधिकमास भी कहते हैं। यह मास पूजा, भक्ति, आराधना, तप, जप, योग, ध्यान आदि के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। पुरुषोत्तम मास 16 अक्टूबर तक रहेगा, इस माह में 14 दिन शुभ योग रहेंगे। जिसमें 9 सर्वार्थसिद्धि योग, 2 दिन द्विपुष्कर योग, 1 दिन अमृतसिद्धि योग एवं 1 दिन रवि पुष्य नक्षत्र रहेगा। 18 सितम्बर को भी शुभ दिन है।
पुरुषोत्तम मास भगवान की आराधना व भक्ति का मास रहता है। इस मास में भगवान विष्णु की उपासना की जाती है। यह मास उपवास, पूजा पाठ, यज्ञ, हवन, श्रीमद भागवत पुराण, श्री विष्णु पुराण आदि का मनन विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। अधिकमास के अधिष्ठाता भगवान विष्णु हैं। इसलिए पूरे समय भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप विशेष लाभकारी होता है।
शुभ योग व उनके फल
18 सितम्बर उत्तराफाल्गुनी नक्षव व शुक्ल योग होने के कारण यह दिन शुभ रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग 26 सितंबर, 1, 2, 4, 6, 7, 9, 11 एवं 17 अक्टूबर को रहेगा। यह योग सर्व मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला एवं प्रत्येक कार्य को सफलता देने वाला माना जाता है।
द्विपुष्कर योग, इस दिन किए गए कार्य का दोगुणा फल मिलता है । यह योग 19 एवं 27 सितम्बर को रहेगा। अमृत सिद्धि योग के बारे में मान्यता है कि इस योग किए गए कार्य शुभ फल देते हैं और यह फल दीर्घकालीन होते हैं। अमृत सिद्धि योग 2 अक्टूबर को रहेगा। इसके बाद पुष्य नक्षत्र व रवि पुष्य नक्षत्र अधिकमास में 11 अक्टूबर को रहेगा। इस दिन कोई भी आवश्यक शुभ कार्य किया जा सकता है।