कोरोना से राहत सिलते ही दो वर्षों के अंतराल के बाद स्कूलों में बच्चों के खिलखिलाने और घंटियों की आवाज सुनाई देने लगी है। इसी क्रम में लोकमान्य विद्या मंदिर हाई स्कूल, साकीनाका में दसवीं कक्षा के छात्रों के लिए विदाई समारोह का आयोजन किया गया था। 9वीं की छात्रा ने संचालन करते हुए कहा कि हम बड़ी संख्या में छात्रों के युवा समूह को, इस स्कूल में लगभग 10 साल व्यतीत करने के बाद विदाई देने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आखिरकार, इतने लम्बे इंतजार के बाद वो दिन आ ही गया जब आप इस स्कूल को छोड़कर अपने भविष्य को नया रुप देने के लिए चले जाएंगे।
राज बोराटे सर ने कहा, विद्यार्थी, अध्यापकों के कार्यों का विषय, अध्यापकों के विचारों का लक्ष्य और अध्यापकों के प्रयासों प्रतिबिम्ब होते हैं। यह सत्य है कि, हमने आप सभी को शिक्षित किया है हालांकि, यह भी सत्य है कि, हमने भी आप सभी से बहुत कुछ सीखा है। यह बहुत लम्बा सफर था हालांकि, आप सभी की भविष्य में कुछ बेहतर करने की दृढ़इच्छा के कारण बहुत जल्दी बीत गया। इस स्कूल ने आपके बचपन और किशोरावस्था को देखा है, और अब आप सभी जीवन की युवा अवस्था में प्रवेश करने के लिए अग्रसर हो। बाल अवस्था में आपको अध्ययन का कार्य कराना बहुत मुश्किल कार्य था हालांकि, यह युवा अवस्था में थोड़ा आसान जरुर हो गया। हमने जो कुछ भी किया (चाहे अच्छा या बुरा), वो आप सभी को देश के भविष्य के लिए अच्छे मनुष्य के रुप में आकार देने की एक प्रक्रिया थी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री नानासाहेब पुंडे सर (काउंसलर), श्री राज बोराटे सर और श्री. हिवाले सर (प्रभारी प्रधानाध्यापक), मिस्टर गुलवेसर, भट्ट सर, क्षेत्रे सर, सुरजुसे मैडम, भांगरे मैडम, करंकले सर, नलवाडे सर, श्रीमती चंपा महोदया आदि ने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य का आशीर्वाद दिया।