बीहू डांस करती असम की महिलाएं
असम अकॉर्ड में क्लॉज 6 के मानदंडों और सिफारिशों को व्याख्यायित करने के लिए स्थापित की गई समिति ने अपनी रिपोर्ट असम के मुख्य सचिव संजय कृष्णा को सौंप दी है। पैनल के कई सदस्यों ने राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपने का विरोध किया था । जिसके बाद पैनल ने केंद्रीय गृहमंत्रालय से मिलने का समय मांगा था । पर गृहमंत्रालय ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया जिसके बाद पैनल ने अपनी रिपोर्ट राज्य के मुख्य सचिव को सौंप दी।
गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और इस पैनल के अध्यक्ष बी. के. शर्मा ने कहा कि हमने गृहमंत्रालय को तीन बार चिट्ठी लिखी थी ।पर उसका कोई जवाब नहीं आया जिसके बाद हमने यह रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने का फैसला लिया।
अब गृहमंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि पैनल की कई बातों पर सहमति नहीं बन पाई है। पर उसका निर्णय राज्य सरकार को करना है। राज्य सरकार निर्णय करेगी कि पैनल द्वारा बताई गई किन बातों को लागू किया जाए और किन बातों को लागू न किया जाए।
पैनल के सदस्य और ऑल असम स्टूडेंट यूनियन के महासचिव लुरिंज्योत गोगोई ने कहा कि भाजपा सरकार ने वादा किया था कि समिति जो भी सिफारिश करेगी वो सरकार लागू करेगी। उसके बावजूद सरकार ने हमें मिलने का समय नहीं दिया । क्लॉज 6 असम अकॉर्ड में शामिल है । जिसमे कहा गया है कि सरकार असम की संस्कृति की रक्षा के लिए कदम उठाएगी क्योंकि असम पर विदेशी घुसपैठियों का अतिरिक्त भार है। असम अकॉर्ड के अनुसार 2 मार्च 1971 के बाद आए सभी विदेशीयों को बाहर भेजा जाएगा वो भी बिना किसी भेदभाव के चाहे उनका कोई भी धर्म क्यों न हो।
बता दे कि अगले साल असम में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में राज्य सरकार के सामने दोहरी मुसीबत खड़ी होने वाली है। एक तरफ तो उस पर दबाव होगा कि वह पैनल ने जो भी सिफारिशें की हैं उन्हें लागू करे । तो वहीं दूसरी तरफ उसे उसके परंपरागत बंगाली मतदाताओं के नाराज हो जाने का डर बना रहेगा। अब देखना होगा सरकार इस मुसीबत से कैसे निपटती है।