खबरों के मुताबिक केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाकर महंगाई से जूझ रहे लोगों को थोड़ी-बहुत राहत देने की कोशिश की है। सरकार ने घोषणा की है कि वह पेट्रोल पर 5 रुपये का उत्पाद शुल्क और डीजल पर 10 रुपये उत्पाद शुल्क कम कर रही है। इससे दोनों उत्पादों की कीमतों में उल्लेखनीय कमी नहीं आएगी बल्कि पहले ही से 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच चुके पेट्रोल और डीजल के दाम 100 रुपये के ऊपर ही रहेंगे। यह फैसला 4 नवंबर से लागू कर दिया गया है।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार इस फैसले को लोगों को बड़ी राहत देने वाला और दिवाली का तोहफा देने की कोशिश के रूप में प्रचारित कर रही है। लेकिन इस कोशिश को लेकर सोशल मीडिया पर मोदी सरकार को निशाने पर लिया जा रहा है। बढ़ती महंगाई से लोग पहले से ही सरकार से नाराज हैं। जिसे एक छोटी सी राहत बताया जा रहा है वह तो एक तरह से महंगाई की रही जनता के जख्मों पर पर नमक छिड़कने के समान है। सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स ने सरकार के इस निर्णय को चुनाव से जोड़कर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। आरोप यही लग रहे हैं कि जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, तो लोगों को सब्ज बाग़ दिखाए जाते हैं और चुनाव के बाद ठेंगा दिखा दिया जाता है।
देश में बढ़ती महंगाई को देखते हुए विपक्ष के कई नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी एक बार फिर मोदी सरकार की आलोचना की है। दीवाली जैसा बड़ा त्यौहार महंगाई की भेंट चढ़ गया। महंगाई से आम लोग परेशान नजर आए। मोदी सरकार जिस तरह से पेट्रोल की कीमतों को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है वह तब सार्थक होता जब जरूरत के हर सामान की कीमत कम की जाती। कुछ लोग इसे चुनावी नतीजों से जोड़कर देख रहे हैं। इस समय बाजार में हर चीज के दाम आसमान छू रहे हैं, लेकिन सरकार चैन की नींद सो रही है। काम से कम सरकार घरेलु इस्तेमाल के लिए गैस सिलिंडर के दाम करते हुए आम लोगों को राहत पहुँचाने का काम कर सकती है।