कोविड वैक्सीन निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका ने दुनियाभर से अपनी कोविड वैक्सीन वापस लेने की बात कही है. कंपनी ने हवाला दिया है कि अब महामारी के बाद से बाजार में अपडेटेड वैक्सीन की काफी उपलब्धता है. इसके चलते ही वह अपनी वैक्सीन वापस लेगी. वहीं वैक्सीन बनाने का काम भी नहीं किया जाएगा.
हाल ही में ब्रिटेन स्थित इस कंपनी की वैक्सीन को लेकर कई सवाल खड़े हुए थे. भारत में इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश भी हुई थी. दरअसल कंपनी ने स्वीकार किया था कि वैक्सीन के कुछ साइडइफेक्ट है. इसमें ब्लड क्लोट होना शामिल है लेकिन यह लक्षण एक से दो प्रतिशत लोगों में ही मिलते हैं. इसके बाद देश में अचानक हार्ट अटैक आदि से हुई मृत्यु को इससे जोड़कर देखा जाने लगा.
कंपनी के अनुसार वो यूरोप के अंदर वैक्सीन वैक्सजेवरिया के मार्केटिंग ऑथराइजेशन को वापस लेने के लिए आगे बढ़ेगी. बतौर कंपनी ‘चूंकि कई प्रकार की कोविड वैक्सीन विकसित की गई हैं इसलिए उपलब्ध अपडेटेड टीकों की संख्या अधिक है. इससे वैक्सजेवरिया वैक्सीन की मांग में गिरावट आई है. इसकी वजह से अब इसे मैन्युफेक्चर या सप्लाई नहीं किया जा रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने 5 मार्च को वैक्सीन वापस लेने के लिए आवेदन किया गया था और 7 मई को प्रभावी हुआ.
फिलहाल कंपनी एक अदालत में एक केस का सामना कर रही है. जिसमें दावा है कि उसकी कोविड वैक्सीन से मौतें हुई हैं. इसे लगवाने वालों गंभीर नुकसान हुआ. कंपनी ने वैक्सीन बनाने के लिए भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) से हाथ मिलाया. सीरम इंस्टीट्यूट ने कोविशील्ड नाम से वैक्सीन का निर्माण किया. बता दें कि भारत में 80 प्रतिशत लोगों को यही वैक्सीन लगी है.
साइटइफेक्ट की बात के बाद देश में भी काफी हंगामा हुआ था. इस मामले में केंद्र सरकार भी आरोप लगाए गए. वहीं पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई. इसमें इस वैक्सीन के दुष्प्रभावों की जांच के लिए मेडिकल एक्सपर्ट पैनल बनाने की मांग की गई.