लंदन के मेयर के रूप में सादिक खान को तीसरा कार्यकाल जीतने के लिए चुनौती देने की दौड़ में शामिल भारतीय मूल के उम्मीदवार का कहना है कि ब्रिटेन की राजधानी के नागरिकों को सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने निराश किया है और वह लंदन को एक "अनुभवी सीईओ" की तरह चलाना चाहते हैं जो सभी के लिए लाभदायक होगा.
दिल्ली में जन्में तरुण गुलाटी का मानना है कि बतौर बिजनेसमैन और इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट उनका जो एक्सपीरियंस है लंदन को उसकी जरूरत है ताकि वो निवेशकों को आकर्षित कर सकें और दुनिया के विश्व बैंक के रूप में अपनी किस्मत को पुनर्जीवित कर सके. 63 वर्षीय तरुण चुनावों के लिए मैदान में 13 प्रतियोगियों के बीच एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में खड़े हैं. लंदनवासी अपने मेयर और असेंबली के सदस्यों के लिए 2 मई को मतदान करेंगे.
गुलाटी ने इस हफ्ते दिए गए अपने एक भाषण में कहा, "मैं लंदन को एक यूनीक ग्लोबल सिटी के रूप में देखता हूं जो 'दुनिया के वैश्विक बैंक' के समान है जहां विविध संस्कृतियां फलने-फूलने के लिए एकत्रित होती हैं. मेयर के तौर पर मैं लंदन की बैलेंसशीट को कुछ इस तरह बनाऊंगा कि यह इंवेस्टमेंट को आकर्षित करे और सभी नागरिकों के लिए सुरक्षा का भी ध्यान रखे. मैं एक अनुभवी सीईओ की तरह लंदन को प्रभावी ढंग से और कुशलता से बदलूंगा और चलाऊंगा. लंदन एक लाभदायक निगम होगा जहां लाभप्रदता का अर्थ सभी की भलाई है. आप सभी यात्रा का हिस्सा होंगे. आइए इसे अपने लंदन, अपने घर के लिए करें."