Friday, May 9, 2025

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ग़ाज़ा: ‘सहायता को हथियार बनाने की सोची-समझी’ इसराइली कोशिश ख़ारिज
Thursday, May 8, 2025 5:25:30 PM - By News Desk

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संयुक्त राष्ट्र ने ग़ाज़ा पट्टी में ज़रूरतमन्द फ़लस्तीनी आबादी के लिए, इसराइली सेना द्वारा नियंत्रित केन्द्रों के माध्यम से मानवीय राहत पहुँचाने के प्रस्ताव पर क्षोभ व्यक्त किया है. यूएन ने इस प्रस्ताव को मानवीय सहायता अभियान में तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता के बुनियादी सिद्धान्तों का हनन क़रार देते हुए नकार दिया है. आपात राहत मामलों के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) के प्रवक्ता येन्स लार्क ने मंगलवार को कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह प्रस्ताव, मानवीय सहायता को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किए जाने की कोशिश है.“हमने लम्बे समय से इसके प्रति आगाह किया है. सहायता को मानवतावादी आवश्यकताओं के आधार पर प्रदान करना चाहिए, चाहे किसी को भी इसकी आवश्यकता हो.”

उन्होंने जिनीवा में जानकारी देते हुए कहा कि इसराइली प्रशासन द्वारा इस विषय में मौखिक जानकारी दी गई है, जिसमें ग़ाज़ा में प्रवेश के लिए चौकी खुलने के बाद, इसराइली हब के ज़रिए सेना द्वारा तय शर्तों के तहत आपूर्ति रवाना की जाएगी. यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब इसराइली सेना, ग़ाज़ा में हमास के विरुद्ध अपने सैन्य अभियान का दायरा बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है.ख़बरें हैं कि ग़ाज़ा पट्टी को कथित रूप से क़ब्ज़े में लिए जाने की योजना है, और इसराइली वित्त मंत्री बेज़ालेल स्मोत्रिच ने फ़लस्तीनी क्षेत्र को पूर्ण रूप से तबाह करने की बात कही है.सहायता ठप करने की कोशिश OCHA प्रवक्ता येन्स लार्क के अनुसार, इसराइली अधिकारियों ने 15 यूएन एजेंसियों और 200 ग़ैर-सरकारी व साझीदार संगठनों द्वारा संचालित मौजूदा सहायता प्रणाली को बन्द करने की कोशिश की है.इसराइली मंत्रिमंडल ने ग़ाज़ा में युद्ध में तेज़ी लाने का संकल्प लिया है, जिससे एक बार फिर 20 लाख से अधिक लोगों को दक्षिणी हिस्से में जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.पिछले 19 महीने से जारी हिंसक टकराव में, ग़ाज़ा में फ़लस्तीनी आबादी के लिए बेहद कठिन हालात हैं और सीमा पर मानवीय सहायता के प्रवेश पर पाबन्दी है.ग़ाज़ा में सहायता आपूर्ति पर इसराइल द्वारा थोपी गई पाबन्दी, हमास पर शेष बन्धकों को रिहा करने के लिए दबाव बनाने का प्रयास है. 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इसराइल पर हमले के दौरान क़रीब 250 लोगों को बन्धक बनाया गया था.यूएन मानवतावादियों ने सीमा चौकियों को बन्द किए जाने की निन्दा की है और ध्यान दिलाया है कि यह अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन है, जिससे अकाल का ख़तरा बढ़ेगा.यूएन एजेंसी प्रवक्ता ने कहा कि ग़ाज़ा में यूएन साझेदार संगठनों ने अपनी पूरी खाद्य सामग्री वितरित कर दी है. येन्स लार्क ने अन्य सहकर्मियों के हवाले से बताया कि आम लोग कूड़े के ढेर में खाने का सामान ढूंढ रहे हैं. “यह स्थिति, इन हालात की कठोर, क्रूर, अमानवीय वास्तविकता है.”स्वास्थ्य पर गम्भीर असरवर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक, क़रीब 10 हज़ार बच्चों को कुपोषण की वजह से उपचार के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों में भर्ती कराया गया है. इनमें 1,300 से अधिक बच्चों की स्थिति गम्भीर है.विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की प्रवक्ता डॉक्टर मार्गरेट हैरिस ने कहा कि जब आप ऐसी अवस्था में पहुँच जाते हैं, तो फिर बिना उपचार के मौत हो सकती है.यूएन एजेंसी ने बताया कि आंशिक रूप से संचालित अस्पतालों में कम बच्चों का ही इलाज हो रहा है, चूँकि अधिकाँश के लिए वहाँ पहुँचना सम्भव नहीं है. WHO के आँकड़ों के अनुसार, हर पाँच में से एक बच्चे का उपचार पूरा नहीं हो पा रहा है, चूँकि वे विस्थापन का शिकार हैं और उनके हालात निरन्तर बदल रहे हैं.जल के अभाव और सीवर व्यवस्था न होने से जल-जनित बीमारियाँ बढ़ रही हैं. त्वचा सम्बन्धी बीमारियों में उछाल आया है और लोगों के पास स्वच्छता बरतने के लिए पर्याप्त जल नहीं है.OCHA प्रवक्ता येन्स लार्क ने सभी युद्धरत और मध्यस्थता प्रयासों में जुटे पक्षों से स्थाई युद्धविराम लागू किए जाने और बन्धकों की बिना शर्त, तत्काल रिहाई की अपील दोहराई है.