बीजेपी नेता किरीट सोमैया और उनके बेटे नील सोमैया को आईएनएस विक्रांत केस में बड़ा झटका लगा है। उनकी वकील पावनी चढ्डा ने बताया कि सोमवार को मुंबई सेशंस कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, किरीट सोमैया मुंबई से बाहर हैं और वे एंटीसिपेट्री बेल के लिए हाईकोर्ट का रुख करेंगे। हालांकि, नील सोमैया की गिरफ्तारी के पूर्व जमानत अर्जी पर मंगलवार को फैसला आएगा।
इस मामले की सुनवाई के दौरान सोमैया की ओर से कहा गया कि इंडियन नेवल शीप (आईएनएस) विक्रांत के नाम पर ११ हजार २२५ रुपए चंदे के तौर पर जमा किए गए थे और वो पैसे राजभवन में जमा किए गए हैं, हालांकि, कोर्ट ने यह दलील स्वीकार नहीं की और अदालत ने कहा कि मामले की ठीक तरह से जांच जरूरी है। सरकारी वकील प्रदीप घरत ने अदालत के फैसले के बाद कहा कि किरीट सोमैया ने अपने आप को बचाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन वे यह साबित नहीं कर सके कि आईएनएस विक्रांत को स्क्रैप में जाने से बचाने के लिए उन्होंने जो पैसे जमा किए थे, उसका क्या इस्तेमाल हुआ। उन्होंने कहा कि लोगों ने देशभक्ति के नाम पर चंदे दिए थे, लेकिन वे पैसे पार्टी फंड में जमा किए गए।
ट्राम्बे पुलिस स्टेशन में किरीट सोमैया के खिलाफ सेव विक्रांत मुहिम के नाम पर जुटाए गए पैसे के घोटाले के आरोप की जांच शुरू की गई है। सोमैया ने सेव विक्रांत के नाम पर ५७ करोड़ से ज्यादा फंड जमा किया, जिसका कोई हिसाब नहीं है। फिलहाल इस मामले की जांच राज्य की आर्थिक गुनाह शाखा कर रही है।