अलीबाबा समूह के सह-संस्थापक जैक मा मंगलवार को समूह के अध्यक्ष पद से हटने के बाद अपने उसी अपार्टमेंट में लौट जाएंगे जहां से 20 साल पहले अलीबाबा की नींव रखी गई थी। अलीबाबा समूह ने एक ट्वीट में कहा, जैक मा अलीबाबा के जन्म स्थान हूपन गार्डन फ्लैट में वापस लौट रहे हैं। हांगझू प्रांत का वही फ्लैट जहां से अलीबाबा का सफर शुरू हुआ था।
वर्तमान में अलीबाबा समूह के मुख्य कार्यकारी डेनियल झांग उनकी जगह कार्यकारी अध्यक्ष बनेंगे। यह समूह के लिए एक नए युग की शुरुआत होगी जिसमें उसे एक स्टार्टअप से एशिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन माकेर्ट प्लेस बनाने वाले श्री मा नहीं होंगे। उनका चेयरमैन पद से हटने का कार्यक्रम एक साल पहले तय कर लिया गया था। हालांकि, वह अलीबाबा पार्टनरशिप के सदस्य बने रहेंगे।
यह 36 लोगों का समूह है जिन्हें कंपनी के निदेशक मंडल में बहुमत सदस्यों को नामांकित करने का अधिकार है। जैक मा (55) ने 1999 में अलीबाबा की स्थापना की थी। उन्होंने चीन के निर्यातकों को सीधे अमेरिकी खुदरा विक्रेताओं से जोड़ने के लिये अलीबाबा ई- वाणिज्य कंपनी को खड़ा किया। इसके बाद कंपनी ने अपना कार्य क्षेत्र बदलते हुए चीन के बढ़ते उपभोक्ता बाजार में आपूर्ति बढ़ाने का काम शुरू किया। जून में समाप्त तिमाही के दौरान कंपनी के 16.7 अरब डालर के कुल कारोबार में उसके घरेलू व्यावसाय का हिस्सा 66 प्रतिशत रहा है।
शिक्षा और परोपकार के कामों से जुड़ेंगे
अपने आरंभिक जीवन में अंग्रेजी के शिक्षक रहे मा ने 35 वर्ष की उम्र में अपने दोस्तों के साथ मिलकर अलीबाबा कंपनी की नींव रखी थी। एक बार फिर वह रिटायर होने के बाद शिक्षा और परोपार काम से जुड़ेंगे। मा अपने फाउंडेशन के जरिए परोपकार के काम करते हैं। उन्होंने 2014 में जैक मा फाउंडेशन शुरू की थी।
चीन में सबसे अमीर व्यक्ति
दो दशक बाद अलीबाबा समूह 480 अरब डॉलर का हो गया है और मा चीन के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। वर्ष 2016 में वह एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति थे, लेकिन इस समय वह भारतीय उद्योगपति और रिलायंस समूह के अध्यक्ष मुकेश अंबानी से पीछे हैं।
विवादों में भी रहे 'मा'
हाल के दिनों में जैक मा अपने कुछ बयानों की वजह से काफी विवादों में रहे, फिर वह 12 घंटे के लंबे वर्क शेड्यूल को लेकर हो या दिन में छह बार सेक्स करने की सलाह को लेकर हो।