जिन जस्टिस जोसफ की खंडपीठ ने 21 अप्रैल को उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन रद्द करने का ऐतिहासिक फैसला देकर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया था आज उनका तबादला कर उन्हें आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट भेज दिया गया है। जस्टिस जोसेफ ने साल 2014 में उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस का कार्यभार संभाला था। कॉलेजियम सिस्टम के तहत कुछ राज्यों के चीफ जस्टिस को प्रमोट कर सुप्रीम कोर्ट लाया जा रहा है।
यूपी के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को सुप्रीमकोर्ट में प्रमोट कर लाने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा एक वकील एल नागेश्वर राव को भी सीधे सुप्रीमकोर्ट में जज बनाया गया है। सीजेआई जस्टिस टीएस ठाकुर ने इस संबंध में सिफारिशें कानून मंत्रालय को भेजी हैं। कानून मंत्रालय के सूत्रों ने कहा इसका उद्देश्य कोलेजियम सिस्टम पर काम करने की योजना पर अमल करना है।
रिपोर्ट के मुताबिक मप्र हाईकोर्ट के 22वें मुख्य न्यायाधीश अजय माणिक राव के सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत होने का रास्ता साफ हो गया है। मंगलवार को हाईकोर्ट के कॉलेजियम ने जस्टिस खानविलकर समेत 4 नामों को मंजूरी दे देकर फाइल आगामी कार्रवाई के लिए केन्द्र सरकार को भेजी है। माना जा रहा है कि ये प्रक्रिया 15 दिनों के भीतर पूरी हो जाएगी।
दिल्ली में उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कॉलेजियम ने मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एएम खानविलकर, इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़, केरल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अशोक भूषण और नई दिल्ली के वरिष्ठ अधिवक्ता नागेश्वर राव को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त करने के संबंध में अपनी मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति पत्र (वारंट) जारी होते ही सुप्रीम कोर्ट में चारों नए जज शपथ लेंगे।