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मल्टी टैलेंटेड स्टार : पंकज रैना
Wednesday, February 7, 2024 1:01:52 AM - By Arun Verma

Pankaj Raina
कहते है,कश्मीर धरती पे जन्नत का मंज़र है, जिसने पूरी दुनिया को बेशकीमती प्राकृतिक उपहारों से नवाज़ा है, इसी कश्मीर की धरती पर एक कश्मीरी पंडित के घर जन्मा एक बच्चा, नामा रखा गया, पंकज।
घर में साहित्य, संगीत, सद्भावना की खुशबू बिखरती थी, घर के हर फर्द पर मां सरस्वती का कोई न कोई वरदान था, पंकज जब आठ साल का हुआ तो पता चला की उसके गले में माँ सरस्वती का वास है. उसकी आवाज़ में जादू था, उम्र बढ़ी तो पता चला रगों में अभिनय की कला भी दौड़ रही है.
वक़्त बिता, वक़्त ने कश्मीर के हालत बदले, और बहुत सारे कश्मीरी अपना वतन छोड़ कर, चले गए...सब कुछ छूट गया, अब पंकज को अपने सपनो को पाना था,ताकि अपनी खुद की एक पहचान बना सके,पंकज मुंबई आ गया, फिल्मों में भाग्य आजमाने ।
लेकिन, सिनेमा कुछ भी आसानी से नहीं दे देता,सिनेमा को पाने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ता है, एक लम्बे इम्तेहान से गुज़रना पड़ता है, संघर्ष का वो दौर देखना पड़ता है, जहाँ इंसान हार मान ले... सब सपने देखते हुए आते है, लेकिन यहाँ उन सपनो को गिरवी रखना पड़ता है.
पंकज के साथ भी यही हुआ, कश्मीरी चेहरा लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर लेता था,एक्टिंग में माहिर था, लेकिन हिस्से में आती थीं,सिर्फ खलिश. क्योकि ये बहुत काम लोगों को पता होगा, सिनेमा जितना चमकीला है, उसके पीछे के लोग उतने ही बड़े ईर्ष्यालु और राजनीतिज्ञ है. जिसका शिकार बाहर से आने वाला हर प्रतिभावान होता है. और लोग समझते है की भाग्य साथ नहीं देता. इसी लिए लोग कहते है की सिनेमा में सफलता के लिए भाग्य का साथ देना ज़रूरी है, जब की ये एक कोरा झूठ है.
खैर, पंकज लगा रहा, हौसला बुलंद था, कुछ काम भी मिले लेकिन,जो पाने आया था,वो हासिल न था.
पंकज ने माहौल भांप लिया और एक्टिंग के साथ साथ अपनी आवाज़ का जादू बिखेरने का फैसला किया, लेकिन फिल्मों में प्लेबैक करना भी वही राह है जो एक्टिंग की. पंकज ने देश विदेश में सिंगिंग शो करना शुरू कर दिया, जहाँ उसे एक नहीं पहचान मिली, उसकी वजह से फाइलों और सीरियल में भी काम मिलने लगे.फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग पंकज को पहचानने लगे.
"हम है प्यार में", "वीर ज़ारा " से पंकज चर्चे में आये और दूरदर्शन से दर्जनों सीरियल में अपने अभिनय का लोहा मनवाया, तभी २००९ में दौर आया डबिंग फिल्मों का, उन दिनों अच्छे डबिंग आर्टिस्ट बहुत काम हुआ करते थे, पंकज को एक फिल्म में डबिंग करने का मौका मिला, फिल्म का नाम था, "डॉन नंबर वन". जिसमे पंकज ने नागार्जुन और केली डोरजी को अपनी आवाज़ दी. इस फिल्म ने डबिंग फिल्मों की दुनिया का इतिहास रच दिया, भारत की सबसे ज़्यादा देखि जाने वाली डब फिल्मों में अव्वल नंबर पर आज भी है.
पंकज को एक और राह मिल गयी... डबिंग आर्टिस्ट की. पंकज ने कुरकुरे, अमेज़ॉन जैसे बड़े ब्रांड के विज्ञापन किये, अदालत,आहट, कागज़ की कश्ती, क्राइम पेट्रोल, क्राइम अलर्ट, सीआईडी, भारत का वीर पुत्र महाराणा प्रताप, खुशबू, तलाक़ क्यों ? जैसे दर्जनों धारावाहिक किया, हम है प्यार में, वीर ज़ारा, हम तुम दुश्मन दुश्मन, 1 : 13 :7 एक तेरा साथ, , तोरबाज़, दास्तान-ए-मिरि पिरि, इंडिया मोस्ट वांटेड जैसी फ़िल्में की और फिर औहाम जैसी मशहूर फिल्म से डबिंग डायरेक्टर भी बन गए है.
मल्टी टैलेंटेड पंकज आज एक्टिंग सिंगिंगऔर डबिंग की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान रखते है. और हम उन्हें पंकज रैना के नाम से जानते है.
बतौर डबिंग डायरेक्टर उनकी नयी फिल्म "कुछ खट्टा हो जाए" 16 फरवरी को रिलीज हो रही है, जिसमे गुरु रांधवा, साईं मांजरेकर,अनुपम खेर जैसे मशहूर सितारों ने अभिनय किया है.