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अकाल मृत्यु के लिए जन्म कुंडली में कौन सा योग है जिम्मेदार
Monday, September 14, 2020 - 12:50:49 AM - By आचार्य रजनीश मिश्रा

अकाल मृत्यु के लिए जन्म कुंडली में कौन सा योग है जिम्मेदार
सांकेतिक चित्र

मृत्यु एक ऐसा सत्य जिसका सामना सब को एक न एक दिन करना है। तो आज हम इस सत्य के बारे में यहां चर्चा कर रहे है. जब यह सत्य असमय घटित होता है तब एक भयानक दुःख और निराशा का वातावरण परिवार को दे जाता है और उससे उबरने में कई वर्ष लगते है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्म कुंडली में जब कुछ अशुभ योग बनते हैं तो व्यक्ति की अकाल मृत्यु होने के योग बनते हैं। ये अशुभ योग किन ग्रहों के कारण बनते हैं,

1. जिसकी कुंडली के लग्न में मंगल हो और उस पर सूर्य या शनि की अथवा दोनों की दृष्टि हो तो दुर्घटना में मृत्यु होने की आशंका रहती है।

2. राहु-मंगल की युति अथवा दोनों का समसप्तक होकर एक-दूसरे को देखना भी दुर्घटना में मृत्यु होने का कारण हो सकता है।

3. छठे भाव का स्वामी पापग्रह से युक्त होकर छठे या आठवे भाव में हो तो दुर्घटना में मृत्यु होने का भय रहता है।

4. ज्योतिष शास्त्र के अऩुसार, लग्न भाव, दूसरे भाव तथा बारहवें भाव में अशुभ ग्रह की स्थिति हत्या का कारण हो सकती है।

5. दसवे भाव की नवांश राशि का स्वामी राहु अथवा केतु के साथ स्थित हो तो व्यक्ति की मृत्यु अस्वभाविक होती है।

6. लग्नेश तथा मंगल की युति छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो तो व्यक्ति की मृत्यु शस्त्र से वार से हो सकती है।

7. मंगल दूसरे, सातवे या आठवे भाव में हो और उस पर सूर्य की पूर्ण दृष्टि हो तो व्यक्ति की मृत्यु आग से हो सकती है।

ज्योतिष आचार्य रजनीश मिश्रा 90295 12777