भारत सरकार ने प्रसिद्ध योगी और योगोदा सत्संग सोसायटी ऑफ इंडिया और सेल्फ-रियलाइजेशन फेलोशिप के संस्थापक परमहंस योगानंद की 125वीं जयंती 125 रुपये का सिक्का जारी किया। यह विशेष स्मारक सिक्का जारी करने के मौके पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मौजूद थीं।
संस्था की तरफ से आधिकारिक रूप से यह जानकारी दी गयी। पश्चिमी देशों में ‘योग पिता’ के तौर पर जाने जाने वाले संस्थापक परमहंस योगानंद का यह सिक्का 125 रुपये का है। इस सिक्के के पीछे की तरफ परमहंस योगानंद का चित्र, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में ‘परमहंस योगानंद की 125वीं जयंती’ और उनका जीवनकाल वर्ष उकेरा गया है।
सिक्के के सामने की तरफ भारत सरकार का ‘अशोक चिन्ह’, हिन्दी में ‘भारत’ और अंग्रेजी में ‘इंडिया’ के साथ ‘125 रुपये’ अंकित किया गया है। विज्ञप्ति के मुताबिक इस सिक्के का वजन 35 ग्राम है। इसमें 50 प्रतिशत चांदी, 40 प्रतिशत तांबा, पांच प्रतिशत निकल और पांच प्रतिशत जस्ता है।
इस मौके पर सीतारमण ने कहा कि योगी (जी) ने एक सार्वभौम संदेश दिया जो किसी विशेष विचारधारा या धर्म पर आधारित नहीं था। उन्होंने अपने संदेश को पूरी दुनिया के लिए स्वीकार्य बनाया। भारत को अपने ऐसे सपूत पर गर्व है जिसने हमारे मन-मस्तिष्क को शांति और सद्भाव से भर दिया।
योगोदा सत्संग सोसायटी ऑफ इंडिया के वर्तमान अध्यक्ष स्वामी चिदानंद गिरि ने एक बयान में कहा, ‘‘परमहंसजी ने पहले ही देख लिया था कि ईश्वर की चेतना के साथ एकरूप होने पर ध्यान में उनके साथ संपर्क में आती हैं। इससे उनकी संतानें (मनुष्य) भी एक दूसरे के साथ अपने संबंध को बेहतर ढंग से समझेंगी। इस प्रकार वह सम्पूर्ण विश्व में अधिक सामंजस्य का युग लायेंगी।
वित्त मंत्री द्वारा इस संस्मरणात्मक सिक्के को जारी करना सभी प्राणियों के ह्रदयों में दिव्य आत्मा (परमात्मा) का बोध करने के इस लक्ष्य की ओर मानवता की यात्रा में एक मील के पत्थर का समयोचित सम्मान है। इस कार्यक्रम में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, संस्कृति सचिव अरुण गोयल और स्वामी विश्वानंद गिरि मौजूद रहे।