सरकार ने मुंबई—अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन के संचालन से पहले उसके लिए मार्केट विकिसत करने और इस रूट पर संभावित यात्री—ट्रैफिक के आकलन के लिए मिनी बुलेट ट्रेन चलाने का निर्णय किया है. यह असल में तेज गति तेजस ट्रेन होगी जो 160 किमी की स्पीड पर चलेगी और इसका किराया सामान्य ट्रेन से अधिक होगा.
इस ट्रेन का संचालन निजी क्षेत्र करेगा. पहले चरण में इसका संचालन आईआरसीटीसी, भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम, को सौंपा जा रहा है.
वह इस रूट के साथ ही लखनऊ—दिल्ली रूट पर भी ऐसी ट्रेन चलाएगा. जहां लखनऊ—दिल्ली रूट पर देश की पहली तेज गति निजी ट्रेन का संचालन अक्तूबर के पहले सप्ताह, संभवत: 4 अक्तूबर, से शुरू होने की उम्मीद है तो वहीं मुंबई—अहमदाबाद रूट पर नवंबर से इस तरह की ट्रेन का संचालन शुरू होने की आशा है.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी. के. यादव ने कहा कि दुनिया के सभी मुल्कों में निजी क्षेत्र ट्रेन का परिचालन करता है. जब हवाई जहाज उड़ाने में निजी क्षेत्र है तो फिर ट्रेन संचालन में इसकी इजाजत क्यों नहीं हो. आने वाले समय में वैश्विक निविदा—टेंडर के आधार पर इच्छुक कंपनियोंं को इसकी इजाजत दी जाएगी.
रेल के डिब्बे, ड्राइवर, गार्ड रेलवे की ओर से उपलब्ध कराए जाएंगे. वहीं, रेल के अंदर की सेवा, साज—सज्जा निजी क्षेत्र के पास होगी. अगर रेल संचालन करने वाली कंपनी चाहेगी तो वह अपने यात्रियों का सामान उनके घर से पिक—एकित्रत करने, यात्रा समाप्त होने पर सामान घर पहुंचाने, उनके लिए टैक्सी बुकिंग करने का कार्य भी कर पाएगी. टिकट आदि निजी क्षेत्र ही तय करेगा. हालांकि उस पर नजर रखी जाएगी.
उन्होंने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन 2023 में चलेगी. ऐसे में हमारी ट्रेन से उसको कोई असर नहीं होगा. इसके विपरीत इससे रूट ट्रैफिक बढ़ेगा. इसकी सेवा के आधार पर बुलेट ट्रेन को लेकर उत्साह बढ़ेगा. यह बुलेट की पूर्व तैयारी नहीं उन्होंने इसे बुलेट ट्रेन की पूर्व तैयारी मानने से हालांकि इनकार किया और कहा कि इस तरह की सेमी—हाईस्पीड ट्रेन कई अन्य रूट पर भी चलाई जाएगी.
यह दीर्घकालिक योजना है. इसे लेकर कदम उठाने शुरू कर दिए गए हैं. उन्होंने इस मिनी बुलेट ट्रेन कहने पर कहा कि यह जनता पर निर्भर है कि वह इसे क्या नाम देती है.