मुंबई में प्रत्येक नागरिक को पानी मिलने के मूलभूत अधिकार को बीएमसी प्रत्यक्ष रूप से लागू कर रही है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निर्देश पर बीएमसी ने 'सभी के लिए पानी' पॉलिसी तैयार की है, जिसका शुभारंभ शनिवार को सीएम ने गोरेगांव में आयोजित कार्यक्रम में किया। इस नई नीति से सरकारी और निजी भूखंडों पर बसे झोपड़पट्टी वासियों और अन्य अवैध निर्माणों में रह रहे लोगों को पानी कनेक्शन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। 'सभी के लिए पानी' नीति लागू करने वाली देश की पहली मनपा बीएमसी बन गई है। बीएमसी ने अवैध स्लम बस्तियों, गांवों, कोलीवाडा आदि के बहिष्कृत निवासियों को जलापूर्ति स्वीकृत करने के लिए एक व्यापक नीति तैयार की है।
बीएमसी के अनुसार जहां पानी का कनेक्शन नहीं है, वहां नया कनेक्शन दिया जाएगा। लेकिन, यह कनेक्शन कम से कम ५ या १५ लोगों के समूह में होगा। आवेदक को निवास के प्रमाण के रूप में महानगर गैस कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, कलेक्ट्रेट द्वारा जारी राशन कार्ड, बैंक पास बुक, फोटो पास आदि दस्तावेज में से कोई एक दस्तावेज जमा करना होगा।
इस नीति के तहत सी-१ श्रेणी के किसी भी जर्जर इमारत को पानी कनेक्शन नहीं दिया जाएगा। इस नीति के तहत सड़कों और फुटपाथों पर बसे झोपड़ावासियों को भी पानी कनेक्शन नहीं दिया जाएगा। अवैध बस्तियों में उंचाई पर नल का कनेक्शन नहीं दिया दिया जाएगा। वर्ष २००० के बाद अस्तित्व में आई झोपड़पट्टियों को भी पानी का कनेक्शन दिया जाएगा।
पानी कनेक्शन लेने से पहले यह भी शर्त रखी गई है कि सीवेज निकासी की अनिवार्य व्यवस्था करनी होगी। झोपड़ी मालिकों से एक शपथ-पत्र लिया जाएगा कि जहां नल कनेक्शन दिया जा रहा है, वहां पानी निकासी की उचित व्यवस्था है।