“गोरखनाथ मंदीर की सुरक्षा में तैनात प्रांतीय सशस्त्र बल के जवानों पर एक युवक ने धारदार हथियार से किया हमला” / पायल शुक्ला
गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मंदिर में रविवार, ३ अप्रैल को अचानक से एक युवक मंदिर के मुख्य गेट के अंदर जबरन घुसने की कोशिश करने लगा। इस दौरान मंदीर में तैनात प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) के सिपाही गोपाल गौड़ और अनिल पासवान द्वारा रोके जाने पर उस युवक ने उन पर आनन-फानन में चाकू से ताबड़तोड़ वार किया। इस घटना में दो पीएसी के जवान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हमले में घायल दोनों सुरक्षाकर्मियों को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आरोपी का नाम अहमद मुर्तजा अब्बासी है। हमले की खबर मिलते ही पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे।
पुलिस की गिरफ्त में आए अहमद मुर्तजा अब्बासी ने आईआईटी मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। वह परिवार के साथ मुंबई में ही रहता था। लेकिन अक्टूबर २०२० से वह गोरखपुर में आकर रहने लगा था। गईं। आरोपी के परिजनों से एक-एक करके पूछताछ की जा गई। पूछताछ आरोपी के घर के पास स्थित एक निजी अस्पताल में चल रहा था। परिवार वालों ने पुलिस को बताया कि अहमद मुर्तजा अब्बासी शनिवार को ही घर से निकला था। घर में किसी को कोई खबर नहीं वह कहा था। क्योंकि अब्बासी घर में किसी से भी ज्यादा बात नहीं करता था। अहमद मुर्तजा अब्बासी के घर व उसके कमरे की तलाशी भी ली गई है। बताया जा रहा है कि आरोपी के पिता मुनीर अब्बासी भी एक कंपनी में इंजीनियर रह चुके हैं।
गोरखपुर पुलिस के साथ ही एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) की टीम ने भी जांच शुरू कर दी है। वैसे अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिरकार हमले के पीछे हमलावर क्या मंशा थी। पुलिस की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ेगी, वैसे वैसे हमले के पीछे की साजिश का पर्दाफाश होगा। पुलिस और टीएस की टीम घटना स्थल पर मिले बैग से बरामद लैपटॉप की गहराई से छानबीन कर रही है। गोरखनाथ मंदिर के मुख्य द्वार और गोरखनाथ थाने की तरफ लगे सीसी टीवी कैमरे में पूरी घटना कैद हो गई है। पुलिस सीसी टीवी फुटेज के माध्यम से जांच को आगे बढ़ा रही है। पुलिस पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आरोपी अकेला था या फिर उसके साथ कोई और व्यक्ति भी इस साजिश में शामिल था।