काले धन को वापस लाने के नाम पर आई मोदी सरकार विदेश से काला धन लाने में भले सफल न हो पायी हो लेकिन कर चोरी पकड़ने के मामले में ज़रूर अपनी पीठ थपथपा रही है। सरकार ने पिछले दो वर्षों में 50,000 करोड़ रुपये की अप्रत्यक्ष कर चोरी पकड़ने का दावा किया है। इसके अलावा सरकार ने 21,000 करोड़ रुपये की अघोषित आय का भी पता लगाने का भी दावा किया गया है।
वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को बयान में कहा कि काले धन पर कार्रवाई से दो साल में 3,963 करोड़ रुपये के तस्करी के सामान को जब्त करने में मदद मिली है। यह इससे पिछले दो साल की अवधि की तुलना में 32 प्रतिशत अधिक है।
बयान में कहा गया है कि प्रवर्तन उपायों को बढ़ाने से 50,000 करोड़ रुपये की अप्रत्यक्ष कर चोरी का पता लगाने में मदद मिली है। इसके अलावा 21,000 करोड़ रुपये की अघोषित आय का भी पता लगा है।
इसमें सरकार द्वारा देश और देश के बाहर कालेधन पर अंकुश के लिए किए गए उपायों का ब्योरा देते हुए कहा गया है कि नया कालाधन कानून कड़े जुर्माने के प्रावधान के साथ लागू किया गया है।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एम बी शाह की अगुवाई में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) बनाई गई है। इसमें कहा गया है कि उसके बाद से एसआईटी की कई सिफारिशों को क्रियान्वित किया गया है। 1,466 मामलों में अभियोजन की कार्रवाई शुरू की गई है।
इससे पिछले दो साल में यह आंकड़ा 1,169 रहा था। यानी इसमें 25 फीसद का इजाफा हुआ है। इसके अलावा एक नई आमदनी का खुलासा करने की योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत अघोषित संपत्ति की घोषणा करने वाले कुल कर और 45 प्रतिशत जुर्माना अदा कर पाक साफ हो सकते हैं।