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भाईचारे का संदेश है ‘स्वामित्व योजना'......?
Friday, April 24, 2020 11:57:08 PM - By विनय सिंह

विनय सिंह
दूसरों के सुख से दुखी होने वाला और दूसरे के दुख से खुशी होने वाला एकमात्र प्राणी है पड़ोसी। ऐसी कोई जगह नहीं है जहां पड़ोसी, पड़ोसी से खुश रहे। जर, जोरू और जमीन इस समस्या की सबसे बड़ी वजह है। अधिकतर मामलों में जमीन पड़ोसियों के आपसी झगड़े का सबसे बड़ा कारण बनती है। पड़ोसी चाहे अमीर हो या गरीब, अपना पटीदार हो चाहे अपना भाई– बंधू ही क्यों न हो। जमीन के कारण आपसी मनमुटाव, वाद–विवाद यहां तक कि फौजदारी की नौबत तक आ जाती है।

लाखों मामले अदालत में चल रहे हैं। मेरी जमीन यहां तक है तुम्हारी जमीन वहां तक है, तुमने मेरी जमीन में घर बनाया है, तुमने मेरी जमीन को जोत लिया है…. इत्यादि। इन सब का समाधान करने के लिए पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अत्याधुनिक तरीका अपनाया है, जिसका नाम है ‘स्वामित्व योजना'। जिसके द्वारा किसी जमीन की माप या पैमाइश ड्रोन की सहायता से की जाएगी। इस मूल्यांकन का परिणाम प्रमाणपत्र के रूप में दिया जाएगा। यह योजना कितनी कारगर होगी़ यह तो आने वाला समय ही बताएगा । परंतु यदि योजना सफल हो गई तो बरसों से लटके ज़मीन विवाद के मुकदमे, लड़ाई–झगड़े, मनमुटाव और वाद–विवाद समाप्त हो जाएंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना आनेवाले समय में विकास की नई परिभाषा लिखेगी।

प्रारंभिक तौर पर इस योजना का पायलट प्रयोग केवल छह राज्यों– यूपी, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में आरंभ किया जाएगा। इस योजना का सबसे बड़ा लाभ होगा कि धीरे–धीरे आपसी विवाद तो समाप्त होगा साथ ही गांवों में खुशहाली आएगी और विकास योजनाओं को गति मिलेगी। विवादित जमीन का निपटारा कम समय में किया जा सकेगा। विकास के लिए आरक्षित सड़क, चकरोड, तालाब, नहर आदि जगहों की निशानदेही आसानी से हो सकेगी और गांव-गांव तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाने में मदद मिलेगी।