कोरोना वायरस से निपटने के लिए सभी देश अपने - अपने स्तर पर कदम उठा रहे हैं। फिलहाल अभी तक इस बीमारी से निपटने के लिए कोई वैक्सीन नहीं खोजी जा सकी है । इसलिए सभी देश अपने नागरिकों को इस रोग से बचाने की भरसक कोशिश कर रहे हैं, वो नारा भी दे रहे हैं कि ट्रीटमेंट से अच्छा बचाव है। पर ब्रिटेन के यहां हजारों लोगों के इस वायरस से संक्रमित होने के बावजूद उसने अभी तक अपने देश में कहीं लॉकडॉउन घोषित नहीं किया है। उनका कहना है कि हम अपने लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर काम कर रहे हैं। हर्ड इम्यूनिटी सिस्टम से लोगों को इससे लडने के लिए तैयार करेंगे।
क्या है हर्ड इम्यूनिटी सिस्टम
इसके तहत मनुष्य के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा दिया जाता है । जिससे जब कभी भी किसी वायरस या अन्य बीमारी का हमला शरीर पर होगा तो शरीर खुद ही उससे दो - दो हाथ कर लेगा और उसे किसी प्रकार के इलाज की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। ब्रिटेन की सरकार का कहना है कि इससे उनकी अर्थव्यवस्था पर भी कोई विशेष असर नहीं पड़ेगा और देश में सब कुछ आसानी से चलता रहेगा।
क्या कहते हैं दुनिया के वैज्ञानिक
ब्रिटेन के इस कदम को दुनिया के कई वैज्ञानिकों ने इसे आत्मघाती कदम बताया है । उनका मानना है कि कोरोना वायरस एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है । ऐसे में यदि हर्ड इम्यूनिटी सिस्टम में जरा सी चूक हुई तो यह बीमारी पूरे देश को हो सकती है। जिससे देश में हाहाकार मच जाएगा । ऐसी परिस्थिति में इस वायरस से संक्रमित लोगों को ठीक कार पाना संभव नहीं होगा ।अमेरिका के एक वैज्ञानिक ने तो कहा कि जब मैंने सुना तो मुझे लगा कि ब्रिटेन ने कोई व्यंग्य मारा है । पर अब वो लोग ऐसा करने जा रहे हैं जो मुझे काफी चिंतित कर रहा है।
क्या कहता है विश्व आर्थिक मंच
विश्व आर्थिक मंच ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि हर्ड इम्यूनिटी मतलब किसी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी बढ़ा दी जाए कि यदि उस पर किसी वायरस का हमला हो तो वो मानवीय शरीर खुद से उस बीमारी को मात देकर बीमारी से मुक्त हो जाए । उनका मानना है कि मानव इतिहास में मनुष्य ने कई सारी बीमारियों को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण करण ही उससे मुक्ति पाई है।
क्या किया जाएगा
इसके तहत न कोई वैक्सीन दी जाएगी न कोई दवा इस योजना के बारे में ब्रिटेन के वैज्ञानिकों का कहना है कि हम लोगों के अंदर इस बीमारी को फैलने देंगे । एक बार ज्यादा से ज्यादा लोगों को फैल जाएगी। उसके बाद उनके अंदर खुद ही उस रोग से लड़ने की क्षमता पैदा हो जाएगी। यह योजना लंबे समय के लिए फायदेमंद साबित होगी