आपदा व प्रबंधन विभाग को इस बार अच्छे मानसून की उम्मीद है क्योंकि मौसम विभाग ने इस बार राज्य में अच्छी बारिश होने का अनुमान लगाया है। इसके बावजूद यदि मानसून ने धोखा दिया तो प्रदेश सरकार ने सूखा प्रभावित मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र के इलाकों में कृत्रिम बारिश कराने की तैयारी की है। राज्य के आपदा व प्रबंधन विभाग ने कृत्रिम बारिश कराने को लेकर प्रस्ताव तैयार किया है। अगले सप्ताह में होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इसको मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
आपदा व प्रबंधन विभाग के अधिकारीयों के अनुसार जहां पर बादल रहता है, वहां पर कृत्रिम बारिश का प्रयोग सफल होने की उम्मीद रहती है। इस लिहाज से कृत्रिम बारिश का पहला प्रयोग पश्चिम महाराष्ट्र के इलाकों में होने की संभावना है।
अधिकारी के पिछली बार औरंगाबाद विभाग के बीड़, लातूर और उत्तर महाराष्ट्र के नाशिक और पश्चिम महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में कृत्रिम बारिश कराई गई थी। इस आधार पर इस बार भी कृत्रिम बारिश कराने की तैयारी है।
सरकार के मुताबिक पिछले साल का प्रयोग काफी हद तक सफल हुआ था। कृत्रिम बारिश के लिए सरकार को करीब 27 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े थे। पिछले साल एक कंपनी ने प्रयोग के तौर पर मुफ्त में कृत्रिम बारिश कराई थी। लेकिन इस बार कृत्रिम बारिश का सारा खर्च सरकार को वहन करना पड़ेगा।