महाराष्ट्र के बंटवारे को लेकर आरएसएस के नए सुझाव से एक बार फिर राजनीति गरमा सकती है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता एमजी वैद्य ने कहा कि शासन के लिहाज से महाराष्ट्र का विभाजन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक नये राज्य पुर्नगठन आयोग का गठन होना चाहिए और किसी भी राज्य की जनसंख्या 3 करोड़ से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
वैद्य ने कहा, ‘एक नये राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन किया जाना चाहिए जो दो विषयों पर विचार करे। एक कि राज्य की आबादी 3 करोड़ से अधिक और 50 लाख से कम नहीं होनी चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘अगर हम इस फार्मूले को देखें तब महाराष्ट्र से चार राज्य बन सकते हैं। वर्तमान स्थिति प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। यहां तक कि आरएसएस के महाराष्ट्र में चार प्रांतीय प्रभाग है जबकि उत्तर प्रदेश में संघ के छह प्रभाग हैं।’
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र में राज्य के महाधिवक्ता श्रीहरि अणे ने मराठवाड़ा को अलग राज्य बनाने की मांग का समर्थन किया था जिस पर विवाद शुरू हो गया था। उनके इस बयान ने महाराष्ट्र मे सियासत गरमा गई थी। उनके इस विवादित बयान का विपक्षी कांग्रेस, राकांपा और सरकार में सहयोगी शिवसेना ने विरोध किया था। भाजपा ने भी अणे के विचारों से दूरी बना ली थी।