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चढ़ेगा चुनावी बुखार : महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को होगा चुनाव, 24 अक्टूबर को आएँगे नतीजे
Saturday, September 21, 2019 - 2:36:07 PM - By न्यूज़ डेस्क

चढ़ेगा चुनावी बुखार : महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को होगा चुनाव, 24 अक्टूबर को आएँगे नतीजे
सांकेतिक तस्वीर
लंबे इंतज़ार के बाद आज (शनिवार) आखिर महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटों के लिए चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोरा ने चुनाव की घोषणा करते हुए बताया कि पूरे राज्य में 21 अक्टूबर को मतदान होगा, जबकि 24 अक्टूबर मतगणना की जाएगी। महाराष्ट्र में इस बार 8.94 करोड़ मतदाता नई सरकार चुनने के लिए मतदान करेंगे। चुनाव आयुक्त के मुताबिक, महाराष्ट्र में 8.9 करोड़ मतदाता हैं और 1.8 लाख बैलेट यूनिट, 1.28 लाख CU और 1.39 लाख वीवीपैट मशीनें हैं। उम्मीदवारों के चुनावी खर्च की सीमा 28 लाख रुपये रखी गई है। साथ ही आयोग ने चुनाव प्रचार में प्लास्टिक से बनी चीजों का इस्तेमाल न करने की अपील की है। EC ने कहा कि चुनावों के बाद 5 बूथों के VVPAT की गिनती होगी जिनका चुनाव रैंडम आधार पर किया जाएगा। बता दें कि, महाराष्ट्र में 2 नवंबर को विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। ऐसे में इससे पहले राज्य में चुनाव की प्रक्रिया पूरी होगी।

महाराष्ट्र और हरियाणा का चुनाव शेड्यूल कुछ इस प्रकार है। 

नोटिफिकेशन 27 सितंबर
नामांकन की आखिरी तारीख 4 अक्टूबर
नामांकन की स्क्रूटनी 5 अक्टूबर
नाम वापसी की आखिरी तारीख 7 अक्टूबर
मतदान 21 अक्टूबर
नतीजे 24 अक्टूबर
28 लाख रुपये ही खर्च कर पाएंगे प्रत्याशी

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोरा ने कहा कि चुनाव आयोग की ओर से खर्च पर भी नजर रखी जाएगी। चुनाव आयोग की ओर से राजनीतिक दलों से अपील की गई है कि वह अपने प्रचार में प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करें और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए अपने प्रचार को आगे बढ़ाएं।

केंद्रीय चुनाव आयोग जैसे ही विधानसभा चुनाव की घोषणा करता है, वैसे ही आदर्श चुनाव संहिता लागू हो जाती है। चुनाव घोषणा करने के सात दिन के अंदर आयोग को नोटिफिकेशन जारी करना होता है। नोटिफिकेशन जारी करने के बाद सातवें दिन नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाती है। नामांकन भरने के अंतिम दिन के बाद अगले दिन चुनाव अधिकारी उम्मीदवारों के फॉर्म की छंटनी करता है। छंटनी करने बाद दो दिन का समय नाम वापसी के लिए दिया जाता है। नाम वापस लेने के अगले दिन से उम्मीदवार को 14 दिन प्रचार के लिए मिलते हैं। चुनाव प्रचार खत्म होने के तीसरे दिन मतदान होता है।

इसकी अगली सुबह चुनाव आयोग री-पोल के लिए एक दिन रिजर्व रखता है। री-पोल के तीसरे दिन मतों की गणना के साथ ही नतीजे घोषित किए जाते हैं। चुनाव आयोग चाहे तो नतीजे घोषित होने के दूसरे दिन ही नतीजों से संबंधित नोटिफिकेशन जारी कर सकता है। यानी चुनाव आयोग की भूमिका यहां खत्म हो जाती है। फिर सरकार बनाने के लिए राज्यपाल की भूमिका शुरू होती है।

मौजूदा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे, कांग्रेस के अशोक चव्हाण और राकांपा प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजीत पवार। विदर्भ में सूखा और किसान आत्महत्या, मध्य महाराष्ट्र में बाढ़, मराठा आरक्षण प्रमुख मुद्दे रहने वाले हैं। महाराष्ट्र में 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा-शिवसेना में गठबंधन टूट गया था। दोनों दलों ने 25 साल बाद अलग-अलग चुनाव लड़ा। वहीं, कांग्रेस-राकांपा के बीच भी सीटों के बंटवारे को लेकर समझौता नहीं हो पाया। इन दोनों दलों ने भी अलग-अलग चुनाव लड़ा। 
2014 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी 122 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। आपको बता दें कि शिवसेना और बीजेपी में चुनावों से पहले सीटों के मसले पर तालमेल नहीं बन पाया था, जिसके बाद दोनों ही पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। हालांकि, दोनों में से किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला और चुनाव बाद दोनों ने एक बार फिर साथ आकर सरकार बनाई और देवेंद्र फडणवीस सीएम बने। 2014 के चुनावों में शिवसेना ने 63, कांग्रेस ने 42 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 41 सीटें जीती थीं।