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राजनाथ सिंह ने तेजस में भरी उड़ान- उड़ान भरने वाले पहले रक्षामंत्री
Thursday, September 19, 2019 - 11:09:13 AM - By न्यूज़ डेस्क

राजनाथ सिंह ने तेजस में भरी उड़ान- उड़ान भरने वाले पहले रक्षामंत्री
दुश्मन के छक्के छुड़ाने की ताकत रखने वाले इसी फाइटर प्लेन में आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उड़ान भरी
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को फाइटर प्लेन तेजस में उड़ान भरी. बेंगलुरु में दो सीट वाले तेजस में उड़ान भरते ही राजनाथ सिंह ने इस फाइटर प्लेन में यात्रा करने वाले पहले रक्षामंत्री का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. राजनाथ सिंह ने करीब आधे घंटे तक तेजस में उड़ान भरी. स्वदेशी तेजस भारतीय वायुसेना की 45वीं स्क्वाड्रन 'फ्लाइंग ड्रैगर्स' का हिस्सा है. राजनाथ सिंह ने पायलट नर्मदेशवर के साथ उड़ान भरी थी. जंग के मैदान में हथियार गिराने की अचूक क्षमता हो या दुश्मन की मिसाइल से निपटने की कलाबाजी, भारत के स्वदेशी और हल्के लड़ाकू विमान तेजस को महारत हासिल है. तेजस में सफर करने के बाद मीडिया से बात करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, "पहली बार तेजस में बैठने का मौका मिला और ये मेरी जिंदगी का विशेष अनुभव था. उड़ान के दौरान विमान के करतब देखने को मिले. मैंने अपने को-पायलट से भी बात की. दुनियाभर में तेजस विमान की डिमांड है."हवा में उड़ान भरने और वॉर के समय हल्के फाइटर प्लेन ज्यादा कामयाब साबित होते हैं. भारत का फाइटर प्लेन तेजस ऐसा ही एक लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है, जिसे देश में ही बनाया गया है. इस लड़ाकू विमान का हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने डिजाइन और निर्माण किया है. भारत का तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) ऐसा ही एक दमदार लड़ाकू विमान है, जो अपनी श्रेणी में पाकिस्तान और चीन के लड़ाकू विमानों को कड़ी टक्कर दे रहा है.
पिछले साल दिसंबर में एचएएल को भारतीय वायुसेना ने 83 तेजस बनाने का जिम्मा सौंपा था, जिनकी अनुमानित लागत 50 हजार करोड़ रुपए थी. इस साल 21 फरवरी को बेंगलुरु में हुए एयर शो में तेजस को रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान (डीआरडीओ) ने फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस जारी किया था. इस लड़ाकू विमाम को हल्का इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसे कार्बन फाइबर से तैयार किया गया है. अन्य किसी धातु की तुलना में यह विमार इसलिए ही काफी हल्का है. भले ही तेजस हल्का हो लेकिन अन्य विमानों की तरह इसकी मजबूती को कोई तोड़ नहीं है. डिफेंस एक्सपर्ट्स का कहना है कि तेजस पाकिस्तान और चीन के लड़ाकू विमाम जेएफ17 थंडर को कड़ी टक्कर देगा. तेजस एक बार में 2,300 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है, तो वहीं थंडर 2,307 किलोमीटर ही उड़ान भर सकता है. थंडर में हवा में Fuel नहीं भरा जा सकता जबकि तेजस में यह खूबी है. तेजस का वजन करीब 6,560 है और इसी के चलते यह लड़ाकू विमान 50 हजार फीट तक ऊंचा उड़ सकता है. यह विमान 13.2 मीटर लंबा और 4.4 मीटर ऊंचा है. इसके अलावा इसके विंग्स की बात करें तो वे 8.2 मीटर चौड़े हैं. हाफ किलोमीटर से भी कम जगह में उड़ान भरने में सक्षम है तेजस. तेजस को भविष्य में अपग्रेड भी किया जा सकता है, क्योंकि इसमें सेंसर से मिलने वाले डेटा को प्रोसेस करने वाले मिशन कंप्यूटर का सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर ओपन आर्किटेक्चर फ्रेमवर्क को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है.
भारतीय नौसेना में तेजस को शामिल किया जाएगा, लेकिन नौसेना में शामिल होने के लिए विमानों में दो चीजों का होना बहुत जरूरी है, जिसमें एक है विमान का हल्का होना और दूसरा अरेस्टेड लैंडिंग. भारतीय नौसेना में तेजस को शामिल किया जाएगा, लेकिन नौसेना में शामिल होने के लिए विमानों में दो चीजों का होना बहुत जरूरी है, जिसमें एक है विमान का हल्का होना और दूसरा अरेस्टेड लैंडिंग.वहीं तेजस अरेस्टेड लैंडिंग के टेस्ट को पास कर चुका है, जिसके बाद यह स्पष्ट है कि तेजस युद्धपोत पर भी आसानी से उतर सकता है. डीआरडीओ और एडीए ने गोवा के तटीय टेस्ट फैसिलिटी में तेजस की अरेस्टेड लैंडिंग कराई थी और इसमें यह पास भी हुआ, जिसके बाद इस उपलब्धि को हासिल करने वाला तेजस देश का पहला एयरक्राफ्ट भी बना है.
एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ बताते हैं कि तेजस ना सिर्फ लगातार हमले करने में सक्षम है बल्कि यह सही निशाने पर हथियार गिराने की भी अचूक क्षमता रखता है. उन्होंने कहा, 'यह एक फाइटर प्लेन है, इसे फाइटर की तरह ही काम करना होगा. इसने हवा से हवा और हवा से जमीन दोनों मोड में अच्छा काम किया है. पायलट्स भी इससे काफी खुश हैं.