प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले राहुल- सरकार को बढ़ानी होगी टेस्टिंग, राज्य को देनी होगी ताकत
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कोरोनावायरस पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मीडिया से बात की। उन्होंने ट्वीटर प्र भी अपनी बात राखी। उन्होंने कहा, "हम सरकार से अपील करते हैं कि इस संकट में आपातकाल राशन कार्ड जारी किए जाएँ।ये उन सभी के लिए हों जो इस लॉकडाउन में अन्न की कमी से जूझ रहे हैं। लाखों देशवासी बिना राशन कार्ड के PDS का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। अनाज गोदाम में सड़ रहा है जबकि सैकड़ों भूखे पेट इंतज़ार कर रहे हैं।अमानवीय!"
लेकिन इसी के साथ राहुल ने कहा कि देश में लागू किया गया लॉकडाउन समस्या का हल नहीं है, यह समस्या के लिए किसी पॉज बटन के जैसा है। उन्होंने कहा कि संक्रमण रोकने के लिए आक्रामक तरीके से टेस्ट किए जाने चाहिए और इसे बढ़ाना चाहिए। सरकार द्वारा लिए गए लॉकडाउन के फैसले पर राहुल ने कहा कि मैं कई मुद्दों पर मोदी से असहमत हो सकता हूं, लेकिन अभी उसका वक्त नहीं है। अभी हमें मिलकर कोरोना के खिलाफ लड़ना है। राहुल ने यकीन जाहिर किया कि अगर हिंदुस्तान कोरोना के खिलाफ मिलकर लड़ेगा तो आसानी से जीत जाएगा।
नरेंद्र मोदी से अपने मतभेद की बात पर राहुल ने कहा, 'अभी वक्त है कि पूरा देश एकजुट होकर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़े, ऐसे में मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस वक्त लड़ाई नहीं करना चाहता हूं।'
राहुल गांधी से सवाल हुआ कि उन्होंने ही सबसे पहले कोरोना वायरस पर सरकार को चेताया था, तब राहुल ने जवाब दिया कि उन्हें किसी भी चीज़ का क्रेडिट नहीं चाहिए, वह बस चाहते हैं कि लोग सुरक्षित रहें।
लॉकडाउन और कोरोना वायरस संकट को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि लॉकडाउन के चलते देश में खाने-पीने की चीजों की कमी आएगी। लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर गरीब और मजदूर वर्गों पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी बीमारी बढ़ेगी, क्योंकि कोरोना वायरस का इलाज लॉकडाउन नहीं है। लॉकडाउन समय और मौका दे सकता है, लेकिन इस महामारी को खत्म नहीं कर सकता। कोकोना वायरस महामारी को कंट्रोल करने के लिए रैंडम टेस्टिंग की संख्या बढ़ानी होगी, क्योंकि टेस्टिंग ही कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है।
इस से पहले राहुल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि राशन कार्ड न होने के कारण अधिकांश गरीबों और जरूरतमंदों को अनाज नहीं मिल पा रहा है और लॉकडाउन के चलते उनके सामने भूखमरी की नौबत आ गई है।