Thursday, April 18, 2024

न्यूज़ अलर्ट
1) मल्टी टैलेंटेड स्टार : पंकज रैना .... 2) राहुल गांधी की न्याय यात्रा में शामिल होंगे अखिलेश, खरगे की तरफ से मिले निमंत्रण को स्वीकारा.... 3) 8 फरवरी को मतदान के दिन इंटरनेट सेवा निलंबित कर सकती है पाक सरकार.... 4) तरुण छाबड़ा को नोकिया इंडिया का नया प्रमुख नियुक्त किया गया.... 5) बिल गेट्स को पछाड़ जुकरबर्ग बने दुनिया के चौथे सबसे अमीर इंसान.... 6) नकदी संकट के बीच बायजू ने फुटबॉलर लियोनेल मेस्सी के साथ सस्पेंड की डील.... 7) विवादों में फंसी फाइटर, विंग कमांडर ने भेजा नोटिस....
राष्ट्रीय स्तर पर NRC लाने का अभी तक नहीं हुआ कोई निर्णय - नित्यानंद राय
Tuesday, February 4, 2020 - 4:37:18 PM - By पुरुषोत्तम कनौजिया

नित्यानंद राय
मंगलवार को गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि देश भर में एनआरसी लागू करने को लेकर सरकार में अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है। लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब पर स्पष्टीकरण देते हुए ,मंत्री ने कहा कि देश के सभी हिस्सों में एन आर सी को लेकर सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।
यह जवाब उन बयानों का खंडन करता है जो पूर्व में गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने पूरे देश में एन आर सी लागू करने को लेकर दिया था । साथ ही उस घोषणा के खिलाफ भी है जो भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में की थी।
वहीं यह जवाब प्रधानमंत्री के उस बयान की पुष्टि करता है जो उन्होंने झारखंड के चुनावों के समय दिया था । जिसमे उन्होंने कहा थी कि सरकार ने देश में NRC को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। विपक्ष सिर्फ अफवाह फैलाकर देशभर में आंदोलन करवा रहा है।
सरकार ने जब स्पष्ट कर दिया है कि अब देश में NRC को लागू नहीं किया जाएगा । इसी के साथ उम्मीद कि जा रही है कि देश भर में हो रहे आन्दोलन समाप्त हो जायेंगे क्योंकि देश के ज्यादातर लोग नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में नहीं थे। उनका मानना था कि सरकार इसके बाद एन आर सी लाएगी जिससे देश के हिन्दुओं को तो देश की नागरिकता मिल जाएगी । रह जाएंगे मुसलमान जिन्हें देश के अंदर ही दोयम दर्जे का शहरी बना दिया जाएगा । उनके सभी नागरिक अधिकार छीन लिए जाएंगे जिससे मुसलमान दर बदर की ठोकरें खाने को मजबूर हो जाएगा।
अब सबकी नजर शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों पर रहेगी जो पिछले 55 दिनों से घर बार छोड़कर आंदोलन पर बैठे हैं। प्रदर्शनकारी सरकार के रवैए से नाराज थे उनका कहना था कि प्रधानमंत्री कुछ और कहते है और गृहमंत्री कुछ और आखिर हम किसकी बात का भरोसा करें। माना जा रहा है सरकार ने विरोध प्रदर्शनों को शांत करने के लिए यह कदम उठाया है।